रद नहीं होगी 70वीं बीपीएससी की पीटी परीक्षा, हाईकोर्ट के फैसले से सरकार को बड़ी राहत
बिहार लोकसेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) रद नहीं होगी। शुक्रवार को याचिकाओं पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया। हाईकोर्ट से फैसले से राज्य सरकार और बीपीएससी को बड़ी राहत मिली है। दरअसल, 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा में धांधली का आरोप लगाकर राजधानी पटना में कई दिनों तक अभ्यर्थियों और विभिन्न राजनीतिक दलों के लोगों ने भारी बवाल मचाया था। हाईकोर्ट ने परीक्षा के परिणाम प्रकाशित करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद बीपीएससी ने परीक्षा का परिणाम भी प्रकाशित कर दिया था। अब पटना हाईकोर्ट ने बीपीएससी को मेंस कराने के भी आदेश दिए हैं।

PATNA : बिहार लोकसेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) रद नहीं होगी। शुक्रवार को याचिकाओं पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया। हाईकोर्ट से फैसले से राज्य सरकार और बीपीएससी को बड़ी राहत मिली है। दरअसल, 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा में धांधली का आरोप लगाकर राजधानी पटना में कई दिनों तक अभ्यर्थियों और विभिन्न राजनीतिक दलों के लोगों ने भारी बवाल मचाया था। हाईकोर्ट ने परीक्षा के परिणाम प्रकाशित करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद बीपीएससी ने परीक्षा का परिणाम भी प्रकाशित कर दिया था। अब पटना हाईकोर्ट ने बीपीएससी को मेंस कराने के भी आदेश दिए हैं।
हालांकि अब हाईकोर्ट के आदेश को असंतुष्ट अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कह रहे हैं। हालांकि हाईकोर्ट के फैसले से बीपीएससी को बड़ी राहत तो मिली है, लेकिन कोर्ट ने अपने विस्तृत आदेश में उसे बहुत सारे निर्देश भी दिए हैं जिसे अगली परीक्षा में लागू करना होगा। पटना हाईकोर्ट ने अपने फैसले में बीपीएससी को एक हाई लेवल कमेटी बनाने के भी निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि बीपीएससी एक हाई लेवल कमेटी बनाए और यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में ऐसी कोई स्थिति दोबारा नहीं बने, जिससे परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों को किसी प्रकार की असुविधा हो।
चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार और जस्टिस पार्थसारथी की बेंच ने आयोग को परीक्षा के लिए एक मजबूत संरचनात्मक व्यवस्था खड़ी करने कहा है जो परीक्षा के हर चरण में उठ रहे सवालों और शिकायतों का समाधान कर सके। कोर्ट ने शिकायतकर्ताओं से कहा कि जो सबूत पेश किए गए हैं वो काफी नहीं हैं जिसके आधार पर दोबारा परीक्षा या सीबीआई जांच के आदेश दिए जा सकें। कोर्ट ने आयोग को एक स्थायी उच्चस्तरीय कमिटी बनाने कहा है जो परीक्षाओं के संचालन और सुरक्षा की समीक्षा करेगी।